Ari ka Vilom Shabd | अरि का विलोम शब्द – मुश्किल है? हाँ ! अर्थ ही नहीं पता !

Ari ka Vilom Shabd [ अरि का विलोम शब्द ] से पहले उसके अर्थ की जानकारी ज़रूरी है।

मैं हमेशा यही मानता आया हूँ कि किसी भी शब्द का विपरीतार्थक शब्द जानने से पहले आप को उसका अर्थ जानना चाहिए।

ठीक उसी तरह आप को शब्द का पद भी पहचानने आना चाहिए क्योंकि जिस पद में प्रश्न पूछा जाता है उसी पद में उत्तर भी दिया जाना चाहिए। जैसे आपको यदि ‘सोना’ का विलोम पूछा जाये तो आप ‘जग’ या ‘जगा’ नहीं कह सकते। आप को उत्तर में ‘जगना’ बताना पड़ेगा।

‘अरि’ शब्द का अर्थ

‘अरि’ शब्द का अर्थ होता है शत्रु या दुश्मन। आप शायद यह जानते हों कि त्रिपुरारि शिव जी को कहा जाता है।

‘त्रिपुरारि’ शब्द का अर्थ है ‘त्रिपुर का अरि’। अर्थात त्रिपुर का शत्रु। शिव पुराण में यह कथा है कि शिव जी ने त्रिपुरों का नाश किया था और इस कारण उन्हें ‘त्रिपुरारि’ नाम दिया गया।

‘अरि’ का विलोम शब्द [Ari ka Vilom Shabd ]

क्रम संख्या | Sl. No.शब्द | Shabdविलोम शब्द | Vilom Shabd
1अरिमित्र
2बंधु
3सखा
4दोस्त
5मीत
6मितवा
7साथी
8संगी
9सहचर
10सहगामी
Ari ka viprit shabd in Hindi | इस निशान ✅ का मतलब है सबसे सटीक विलोम शब्द

‘त्रिपुरारि’ शब्द का संधि-विच्छेद

‘त्रिपुरारि’ शब्द का संधि-विच्छेद = त्रिपुर+अरि

इसमें संधि है, अ +अ =आ

अरि – इसके समानर्थी एवं विलोम शब्दों से वाक्य रचना

अरिअरि हो या हरि, उसे किसी की परवाह नहीं!

बंधु – जाने से पहले उनके अंतिम शब्द यही थे कि उन्हें उनके बंधु – गण ना भूलें।

सखा – सुदामा कृष्ण के अनन्य सखा थे।

दुश्मन – कौरव सेना में भी युधिष्ठिर के हर दुश्मन को विश्वास था कि वे कभी कोई अन्यायपूर्ण कार्य नहीं करेंगे।

प्रतिद्वंदी – उनके चिर प्रतिद्वंदी ने उनकी चुनौती तो स्वीकार कर ली मगर अपने मूल्यों की बलि नहीं चढ़ने दी।

बैरी – देश के बंटवारे में अपने ही बैरी हो गए।

अरि के अंग्रेजी शब्द

  • Enemy
  • Opponent
  • Foe
  • Adversary
  • Antagonist

क्या आप जानते हैं क्यों शंकर भगवान को त्रिपुरारि कहा गया?

शिव पुराण में बताया गया है कि भगवान शिव ने त्रिपुरों का नाश किया था। यही कारण है कि उन्हें त्रिपुरारि, अर्थात त्रिपुर शत्रु कहा गया है।
कथा के अनुसार तारकासुर नामक राक्षस के तीन पुत्र थे जिनका नाम क्रमशः तारकाक्ष, कमलाक्ष और विद्युन्माली थे। शिव पुत्र कार्तिकेय जी ने तारकासुर का वध कर दिया. इससे तारकासुर के तीनों पुत्र बहुत आहत हुए.

उन्होंने कठोर तप करके ब्रह्मा जी से अमरत्व का वरदान मांगा।इस पर ब्रह्मा जी ने उन्हें असमर्थता जताईऔर कुछ दूसरा मांगने के लिए कहा। त्रिपुरों ने ब्रह्मा जी से यह वरदान प्राप्त कर लिया कि कोई एक बाण से नष्ट करने वाला ही उनकी मृत्यु का कारण बन सकता है.

तीनों असुरों ने अपने अपने लिए तीन अलग-अलग नगर बसाये। तत्पश्चात तीनों लोकों पर आक्रमण करके वे वहां के स्वामी बन गए। इस पर सभी देवताओं ने भगवान शिव की आराधना की और उनसे इस विपत्ति का निवारण करने करने के लिए कहा।

भगवान शिव इसके लिए सहमत हो गए। देवताओं और असुरों में भयंकर युद्ध छिड़ गया। परंतु जैसे ही त्रिपुर एक दिशा में आए शिव जी ने एक दिव्य बाण चलाकर उनका अंत कर दिया।

तब से ही शिव जी को त्रिपुरारि अर्थात त्रिपुर-शत्रु कहा जाने लगा।

FAQs

त्रिपुरारि किसका नाम है?

त्रिपुरारि भगवान शिव का ही नाम है।  उन्होंने त्रिपुरासुरों तारकाक्ष, विद्युन्माली तथा कमलाक्ष का वध किया था।  इस कारण उन्हें त्रिपुरारि या त्रिपुर-अरि अथवा त्रिपुर-शत्रु कहा गया है।

‘अरि’ शब्द का समानार्थी शब्द कौन सा है?

अरि के समानार्थी शब्द हैं:
– शत्रु
– दुश्मन
– बैरी
– प्रतिद्वंदी
– रिपु

‘तिमिरारि’ का अर्थ क्या है?

‘तिमिरारि’ शब्द का अर्थ है तिमिर का अरि, अर्थात अंधकार का शत्रु। इस कारण ‘सूर्य’ को तिमिरारि कहा जाता है।

‘अजातशत्रु’ का अर्थ क्या है?

‘अजातशत्रु’ का अर्थ है वो जिसका कोई शत्रु न हो, अर्थात वह जो शत्रु-रहित हो।

इन शब्दों का विलोम  पढ़ें

आधार | Aadhar

Dusht | दुष्ट

चिंतित | Chintit

आगामी | Aagami

Jivan | जीवन

उदय | Uday

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